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Showing posts from July, 2015

आज़ादी क्या है

I was listening the radio day before and heard legendary actor Manoj Kumar describing his first experience of India's independence. The anecdote he related has been one of the best stories of freedom; I would hence like to record it here on my blog. I am trying to reproduce his words as much verbatim as I can remember: चौदह अगस्त की रात को मेरे चाचा का देहांत हो गया । मेरी माँ उस समय घर पर बीमार थी । अगले दिन सुबह मेरे पिताजी ने मुझे उठाया और नहाने धोने के बाद मुझे कहा, चलो हम लाल क़िले जा रहे हैं । वहां पहुचने के लिए उस वक्त, जिस रेफ्यूजी कैंप में हम रहते थे, वहां से २ घंटे की एक बस पकड़नी पड़ती थी। हम बस से लाल क़िले पहुंचे और उस भीड़ में खड़े मैंने देखा की लाल क़िले की प्राचीर पर एक शख्स सफ़ेद कपडे पहने खड़ा है।  बाबूजी ने मुझे बताया की वे नेहरू जी हैं।  नेहरू जी का नाम सुना था मैंने, पता था वो कौन हैं। खैर, नेहरू जी ने अपना भाषण दिया और आखिर में नारे लगाये । सारे क़िले में खड़ी भीड़ नें भी नारे लगाये, बाबूजी भी इनमें शामिल थे। तब पहली बार में मुझे लगा की कोई तो चीज़ होगी ये आज़ादी,